तेरे बिना सुबह अधूरी
एक बार फिर ये दिन आई, परंतु मेरा दिल भरा है उदासी। तेरी चमक ही मेरे लिए आशा की प्रदीप है। जब तक तुम न हो, ये जींदगी अधूरी है। सुबह की शुभका
एक बार फिर ये दिन आई, परंतु मेरा दिल भरा है उदासी। तेरी चमक ही मेरे लिए आशा की प्रदीप है। जब तक तुम न हो, ये जींदगी अधूरी है। सुबह की शुभका
जीवंत चाची, आपके जन्मदिन पर आपको बहुत बहुत प्रणाम। उम्मीद है कि आपका दिन मुस्कुराहटों से भरपूर रहे और आगे भी वैसे ही ही जीवंत रहें। च